हमारे बारे में

एक परिचय:-

राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर) औषधीय विज्ञान के क्षेत्र में पहला राष्ट्रीय स्तर का संस्थान है जिसका उद्देश्य औषधीय विज्ञान के क्षेत्र में उच्च अध्ययन और अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट केन्द्र बनना है। भारत सरकार ने नाईपर को ‘राष्ट्रीय महत्व का संस्थान’ घोषित किया है। औषध विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के संरक्षण में गठित यह एक स्वायत्त निकाय है। ऐसा समझा जाता है कि संस्थान को औषधीय विज्ञान और संबंधित क्षेत्रों में न केवल देश में बल्कि दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण एशिया, और अफ्रीका आदि देशों में भी नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त है। नाईपर भारतीय विश्वविद्यालय संघ तथा राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ का सदस्य है।

यह संस्थान 130 एकड़ के क्षेत्र में दिल्ली के उत्तर में 250 कि.मी. की दूरी पर एस.ए.एस. नगर (मोहाली), पंजाब में स्थित है।

स्वपन

भारत के लोगों और अन्य देशों और फार्मास्यूटिकल उद्योग के विकास के लिए औषधीय विज्ञान कें शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्रांड बनना।

लक्ष्य
  • औषधीय विज्ञान के क्षेत्र में गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करना।
  • अभिनव एवं अनुवादित अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
  • राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान एवं संबंध।
  • राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय औषधीय नीति के मामलों का अध्ययन।
  • भूमंडलीय चुनौतियों को पूरा करने के लिए फार्मा उद्योगों के साथ सहयोग।
  • औषधीय उद्योगों और अन्य अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए विशेषीकृत केन्द्रों का सृजन।
  • औषध निगरानी जिसमें औषधों के 'उपयोग दुरुपयोग' के अध्ययन संबंधी कार्यक्रम आयोजित करना।
  • सामुदायिक फार्मेसी और औषधीय प्रबंधन।
  • शिक्षा कार्यक्रम का संचालन
उद्देश्य
  • भावी अध्यापकों, अनुसंधान और उद्योग तथा व्यवसाय के प्रबंधकों का प्रशिक्षण के माध्यम से औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान के स्तर को सुदृढ़ बनाना।
  • शिक्षा कार्यक्रम का संचालन।
  • औषधीय उद्योगों और अन्य अनुसंधान और शिक्षण संस्थानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय केन्द्रों का सृजन।
  • भूमंडलीय चुनौतियों को पूरा करने के लिए भारतीय उद्योगों के साथ सहयोग।
  • राष्ट्रीय/ अंतर्राष्ट्रीय सहयोगात्मक अनुसंधान।
  • पाठ्यचर्चा और मीडिया का विकास।
  • औषधियो के ‘सदुपयोग- दुरुपयोग’ और ग्रामीण फार्मेसी आदि जैसे सामाजिक पहलुओं का अध्ययन।
  • औषध निगरानी, सामुदायिक फार्मेसी, और औषधीय प्रबंधन से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करना।